
धर्मो एवहतो हन्ति धर्मो रक्षायती रक्षितः
तस्मा धर्मोना हतव्यो मानो धर्मा हातो पथितः
तस्मा धर्मोना हतव्यो मानो धर्मा हातो पथितः
जब धर्म का नाश करेंगे तो उससे हमको नष्ट होता है यदि धर्म का रक्षा करेंगे थो वो भी रक्षा करेगा इसलिए धर्म का नाश नही करना चाहिए धर्म का नष्ट नही होता तो मन को अविनाश करने वाले होगा
( वाल्मीकि रामायणं )
धर्म का मतलब .....
( वाल्मीकि रामायणं )
धर्म का मतलब .....
धारणात धर्म इत्याहु धर्मो धारयति प्रजाः
(महा भारतं)
(महा भारतं)
इस शब्द के अनुसार सब को एकता करने वाला ही धर्म है धर्म के द्वारा ही समाज में सारे लोग मिल्झुल्के रह सकते है
मनु स्मृति के अनुसार - धैर्ये, क्षमा, मन को जीतना, चोरी नही करना, वाक्-मन-क्रिया, शरीर को शुद्द रखना, इन्द्रिय संयमन, बुद्धि, सत्य, विद्या, शांत इन दस लक्षणों को धर्म कहा गया है
यतो धर्मस्ततो विष्णुः
यतो विष्णुः स्ततो जयः
यतो विष्णुः स्ततो जयः
धर्म कहाँ रहेगा वहाँ भगवान् विष्णु रहते है जहाँ भगवान विष्णु रहते है वहाँ धर्म का विजय होता है इस श्लेक से पता चलता है की धर्म को ही विजय मिलता है
kuch aur accha nahin mila likhne ko?
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